बलौदाबाजार कांड में NSUI के विधानसभा अध्यक्ष सूर्यकांत वर्मा समेत 7 आरोपी गिरफ्तार पुलिस की बड़ी कार्रवाई,तोड़फोड़-लूट का भी आरोप
बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने NSUI के विधानसभा अध्यक्ष समेत 7 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 10 जून को आगजनी के दौरान NSUI विधानसभा अध्यक्ष सूर्यकांत वर्मा पर तोड़फोड़ करने का आरोप है। साथ ही वह इस दौरान किसी का मोबाइल लूटकर भी फरार हो गया था।
Baloda Bazar Violence पुलिस ने आरोपी के पास से लूट का मोबाइल बरामद किया है। वीडियो, फोटो, CCTV फुटेज समेत कई तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। मामले में अब तक 13 अलग-अलग FIR दर्ज की गई है और कुल 145 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
15 मई: सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
17 मई : पुलिस में मामला दर्ज कर किया।
19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का-जाम किया था। इस दौरान समाज के गुरु और पूर्व मंत्री रुद्रकुमार ने कार्रवाई की मांग की, वहीं गुरु खुशवंत साहेब ने कांग्रेस सरकार में हुए प्रदर्शन की याद दिलाई।
19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी।
20 मई : समाज के लोगों की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि गलत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जो दोषी हैं, उन्हें पकड़ा जाए। वहीं आंदोलन की रूप रेखा तैयार हुई।
21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।
08 जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही जांच में तेजी लाने की बात कही गई।
09 जून: डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए। इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी।
10 जून : इसी प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई।
10 जून : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इसमें उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए। मौके पर IG और कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट तलब की गई है, 7 अलग-अलग FIR दर्ज की गई। 73 आरोपी गिरफ्तार हुए, 200 हिरासत में लिए गए। उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें और जांच के लिए 22 पुलिस अफसरों की टीम बनाई गई।
11 जून : पुलिस ने शाम तक 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया। उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 12 टीमें बनाई गईं। कई जगह छापामार कार्रवाई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीटिंग में अधिकारियों की बैठक लेकर नाराजगी जताई। देर रात आईएएस दीपक सोनी को नया कलेक्टर और विजय अग्रवाल को नया एसपी नियुक्त किया गया। हटाए गए कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसपी सदानंद कुमार को पुलिस मुख्यालय भेजा
12 जून : भाजपा के आरोपों पर पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार गिरफ्तारी देने के लिए थाने पहुंचे। उन्होंने मंत्रियों के माफी नहीं मांगने पर मानहानि का केस करने की चेतावनी दी।
13 जून : कांग्रेस की 7 सदस्यीय जांच टीम घटना स्थल पर पहुंची। उसने धार्मिक स्थल पर पूजा-अर्चना की। टीम के संयोजक और पूर्व मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि, जैतखाम को क्षतिग्रस्त किया गया, तब FIR भी नहीं हुई।
15 जून: भीम रेजिमेंट के रायपुर संभाग अध्यक्ष जीवराखन बांधे जगदलपुर से गिरफ्तार, सूत्रों के मुताबिक प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश सोनवानी को भी रायपुर से पकड़ा गया।
17 जून: प्रशासन ने जिले में 20 जून तक धारा-144 बढ़ा दी।
18 जून: कांग्रेस ने प्रदेशस्तरीय धरना प्रदर्शन किया।
21 जून: एक आरोपी गिरफ्तार किया गया जिसने बवाल के दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर तिरंगा फहराने वाले पोल पर सफेद झंडा लगाया था। 21 जून को शहर में लगाई गई धारा-144 जिला कार्यालय तक सीमित की गई।
25 जून: घटना के 7 और आरोपी गिरफ्तार, अब तक 145 लोगों की गिरफ्तारी।