चमन प्रकाश केयर
रायपुर | धरसींवा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कपसदा के फार्चून टीएमटी में पिछले दिनों हुए एक बड़े हादसे में एक मजदुर की मौत दो अन्य गंभीर रूप से घायल होने और फर्नेश में हुए बड़े ब्लास्ट में पूरा गाँव सहम गया है | धमाका इतना भयानक था की आसपास के कई घरों की दिवाले ढह गई तो कई घरों में दरारें आ गई | जिसके विरोध में पूर्व राज्यसभा सांसद छायावर्मा, कांग्रेस पार्टी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष उधोवर्मा एवं जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में आक्रोशित ग्रामीणों ने कंपनी प्रबन्धन के खिलाफ जमकर आक्रोश जताते हुए फार्चून टीएमटी कम्पनी के बहार मुख्य गेट में जमकर हंगामा किया | इस दौरान आक्रोशित लोगों ने कम्पनी पर कार्यवाही करने सहित कई मांगो को लेकर प्रदर्शन करते हुए धरसींवा के नायब तहसीलदार पौरोष वेताल को ज्ञापन सौंपा |
सूबे में सरकार बदल गई है, नीति बदल गई, लेकिन नीयत नहीं बदली है, अभी भी सिस्टम और प्रशासनतंत्र तंगहाली और बदहाली की मार झेल रहा है। बातें तो आम जनता की होती है लेकिन अमल की जब बारी आती है तो सब शासन और प्रशासन चुप्पी साध लेते हैं। इन नेताओं और अधिकारियों के निकम्में और सड़े गड़े सिस्टम में जनता और आदमी फीस रहे हैं, इनके निकम्मेपन के चलते बड़े-बड़े हादसे को आमंत्रित करने में मशगूल हैं। हम बात कर रहे है उद्योग नीति के तहत सब नीति और नियम के हिसाब से फैकट्री, प्लांट,पर्यावरण, प्रदूषण, वायु की गुणवत्ता, मानव और जीव-जंतु लाभ-हानि को मूल्यांकन करके उद्योग की स्थापना की जाती है ताकि भविष्य किसी को परेशानी न हो लेकिन यहां तो शासन के निर्धारित मापदंड को धता बताकर प्रशासन के नाक के नीच नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उद्योग विभाग, पर्यावरण विभाग और पुलिस प्रशासन मुकदशक बने हुए है खानापूर्ति कार्रवाई और निरीक्षण करते है उसके बाद मामला को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।
फार्चून प्लांट हादसे से एक मजदूर की मौत, दो घायल
आपको बता दें कि 21 फरवरी 2014 को ग्राम कपसदा में स्थित फार्चून प्लांट में फर्नीश में ब्लाट होने से एक मजदूर की मौत हो गई और दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गये है, जो जिंदगी और मौत के लिए लड़ रहे हैं। वहीं इस मामले में लीपापोती करने फैक्ट्री प्रबंधन और पुलिस भी जुट गई है, अभी तक प्रबंधक के खिलाफ धरसींवा थाना पुलिस में एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है | इससे साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार फार्चून फैक्ट्री प्रबंधन को बचाने के लिए भरसक प्रयास किया जा रहा है | वहीँ आम आदमी के साथ इस तरह के कोई घटना होती तो पुलिस अपनी रौब और पुलिसयागिरी दिखाते हुए कार्यवाही के नाम पर सलाखों के पीछे धकेल दे होंती |
गौरतलब है कि, फार्चून फैक्ट्री में इसके पहले भी ऐसे कई हादसे हो चुके है बावजूद इसके कंपनी के प्रबंधक ने सबक नहीं लिया और हादसे का फिर पुनरावृत्ति हो गई है। बार-बार मजदूरों की जान से खेलना इस प्लांट की नियती बन गई है। इस मामले में उद्योग विभाग के अधिकारी और पुलिस प्रशासन की उदारीकरण के चलते इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति हो रही है।
एक दिवाल की आड़ में फैक्ट्री संचालित
उद्योग विभाग और पर्यावरण के नियम के अनुसार फैक्ट्री वहां लगाई जाती है, जहां पर लोगों की बसाहट नहीं होना चाहिए, यहां तो गांव के अंदर फैक्ट्री संचालित हो रही है। पूरे गांव इसके जद में आ रहा है, लोगों की स्वास्थ्य, वहां के रहन-सहन, वातावरण, खान,पान में पूरी तरह से प्रभावित है फिर इस दिशा में कोई पहल नही की जा रही है।
विस्फोट से मेरे घर गिर गया: ग्रामीण
जब ब्लास्ट हुआ तो मेरे घर की मिट्टी की दीवार ढह गया, जबरदस्त ब्लास्ट हुआ है, इतनी तेज आवाज हमने कभी नहीं सुना है, सब थर्रारा गए, बच्चे और बुजुर्ग सहम गए, मैं चाहती हूं कि इस फैक्ट्री यहां से दूसरे जगह स्थानांतरित किया जाए |
मेरे घर से फैक्ट्री की दिवाल लगा: ग्रामीण
मेरे घर की छत से फैक्ट्री लगा हुआ है, वहां के मजदूर काम करते वक्त हमारे घर की महिलाओं पर छींटाकसी और फब्तियां करते हैं, हम परेशान है, हमारे छोटे-छोटे बच्चे रात को पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, इसकी आवाज से बच्चों की पढ़ाई बर्बाद हो गई, धूल और डस्ट से बीमार हो रहे हैं। शासन से मांग करती हूं कि यह फैक्ट्री को यहां जगह हटाया जाए।
दो-दो फर्नीश बिना एनओसी
फार्चून प्लांट में ग्राम पंचायत से बिना एनओसी और पंचायत की बैठक लिए बगैर तीन-तीन फर्नीस संचालित किया जा रहा है। जिसके यहां के जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों के आरोप है कि इस पूरे मामले में सरपंच की भूमिका संदिग्ध है, वहां कभी भी मुखर होकर कंपनी के खिलाफ विरोध नहीं किया गया है। उद्योग विभाग और पुलिस प्रशासन की मिली भगत से शासन के नियमों की माखौल उड़ा रहे हैं और मजदूर बेमौत काल के गाल में समा रहे हैं।
तालाब का पानी काला में तब्दील
गांव के आबोहवा प्रदूषित हो गया है, तालाब का पानी काला में तब्दील हो गया है, पेड़-पौधा, धूल और डस्ट से सरोबोर है, लोगो के मकान में बड़ी-बड़ी दरारे, छत पर मोटी-मोटी धूल की चादरे में तब्दील हो गया है। प्लांट की आवाज से गांव में कंपन रोज हो रही है। पूरे गांव के लोग दहशत में हम चाहते हैं कि यह कंपनी हमारे गांव से हटाया जा नहीं तो यहां के जनजीवन बीमारी की चपेट में आ जाएगा।
वर्जन
21 फरवरी 2014 को ग्राम कपसदा में स्थित फार्चून प्लांट में फर्नीश में ब्लाट होने से एक मजदूर की मौत हो गई और दो मजदूर घायल हैं, जांच होगी और फर्नीस कैसे ब्लाट हुआ, नियमों का कहां पर पालन नहीं किया गया है जांच के बाद पता चलेगा।
पौरूष बेताल, नायब तहसीलदार धरसींवा
फार्चून प्लांट में फर्नीस की ब्लास्ट होने से एक मजदूर की मौत हो गई है और दो मजदूर की घायल हो गए है, जहां उसकी एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मामला का विवेचना की जा रही है, अभी तक एफआईआर नहीं हुई है।
शिवेंद्र राजपूत थाना प्रभारी, धरसींवा
यह बहुत दुखद है मैं फैक्ट्री के खिलाफ नहीं हूं लेकिन लचर नियम और शासन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है तो मैं इसके खिलाफ हूं, मृतक मजदूर को मुआवजा दिया जाए और प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई हो।
छाया वर्मा, पूर्व सांसद कांग्रेस
मृतक के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए, उनके परिवार के सदस्य को यहां नौकरी मिलना चाहिए और ग्रामीणों की समस्या का निदान होना चाहिए, पंचायत और उद्योग विभाग से बिना एनओसी लिए तीन-तीन फर्नीस संचालित हो रहा है जो गलत है।
उधो वर्मा, जिला अध्यक्ष रायपुर ग्रामीण कांग्रेस पार्टी
मृतक को 15 लाख का मुआवजा दिया गया है तथा उनके परिवार के सदस्य को यहां नौकरी में रखे जाएंगे, दो मजदूरों का निजी अस्पताल में इलाज जारी है। हादसा कैसे हुआ क्यों हुआ, इस जांच होगी तभी स्थिति स्पष्ट होगी।
विक्रम तंबोली, प्रबंधक फार्चून