अभनपुर के आलेखूंटा में पशुधन विकास विभाग द्वारा कृत्रिम गर्भाधान से उत्पादित उन्नत वत्स की प्रदर्शनी का हुआ आयोजन
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रायपुर | संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर, डॉ. एस. एल. उइके के निर्देशन में चलित चिकित्सा इकाई रायपुर, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई अभनपुर एवं गोदरेज एयोवेट लिमिटेड के संयुक्त प्रयास से ग्राम आलेखूंटा के पशुपालकों को विभागीय जानकारी एवं पशुपालन की उन्नत तकनीक से अवगत कराया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण पशुपालक मौजूद रहे | प्रदर्शनी में उन्नत नस्ल के 52 वत्सों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें साहीवाल गिर एवं जर्सी नस्ल के सभी उन्नत वत्सों को कृमि नाशक दवा एवं वृद्धि वर्धक दवाइयों को देकर पशुपालको का उत्साहवर्धन किया गया |
इस मौके पर उपस्थित पशुपालकों को पशुओं का वजन लेने का तरीका एवं आहार के संबंध में विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। पशु पालकों द्वारा पशुपालन से संबंधित प्रश्न पूछे गए जिसकी विस्तृत जानकारी पशुचिकित्सको द्वारा देकर समाधान किया गया, साथ ही शिविर में उपस्थित सभी बछियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य श्रीमती चंद्रकला ध्रुव एवं सरपंच हेमंत सिंह भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के संचालन हेतु मोबाइल यूनिट रायपुर से डॉ. विक्रम पाठक, विकासखंड अभनपुर से डॉ. आरके सिंह, डॉ. ओगरे, डॉ. प्रेरणा भोयर, एस. के. बघेल, आर.एन. साहू, श्री परितेष साहू, कुंदन बंजारे, नरेन्द्र साहू, आदि उपस्थित हुए। गोदरेज एग्रोवेट से रवीन्द्र, कु. ललिता चौहान, द्वारा पशुपालकों को संतुलित आहार एवं प्रबंधन के संबंध में जानकारी दी गई।
एलेम्बिक एवं वेटरीना कंपनी के रीजनल मैनेजर अम्बष्ट एवं श्री प्रशांत ठेंगे द्वारा पशुओं को बीमारियों से बचाव हेतू दवाइयों के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में एलेम्बिक एवं वेटरीना दवा निर्माता कंपनी द्वारा मुफ्त में अपने उत्पादों का वितरण भी किया गया। ग्राम आलेखूंटा में इस कार्यक्रम को पशुपालकों के द्वारा बहुत उत्सुकता से देखा गया और इस प्रकार के कार्यक्रमों से पशु पालन कि महत्वपूर्ण जानकारीया प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त कि गई।
डॉ. विक्रम पाठक द्वारा बताया गया कि, “पशु पालको कि सहायता एवं पशुओं के स्वास्थय को सुधार कर दूध उत्पादन में वृद्धि करने के लिए शासन द्वारा मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई संचालित है, जो प्रति दिन तीन गांव का भ्रमण कर पशु पालको कि समस्याओ का निराकरण कर रहे है, इस हेतु टोल फ्री नंबर 1962 के द्वारा पशु पालक अपनी समस्याओं का निराकरण कर सकते है।”
डॉ. प्रेरणा भोयर द्वारा पशु पालको को बताया गया कि “आज कि बछिया कल कि गाय है और यदि बछिया का लालन पालन एवं टीकाकरण सही तरीके से किया जाये तोह हम अपने ही घर में एक अच्छी गाय पैदा कर दूध उत्पादन को बढ़ा सकते हैं और अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकते है.” इस हेतु सभी पशुपालक एवं युवाओं को पशुपालन से अधिक से अधिक जुड़ कर व्यवसाये के रूप में अपनाने कि सलाह दी गयी। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. आर. के. सिंह द्वारा शिविर में उपस्थित पशुपालको के उत्साह एवं विभागीय अधिकारी कर्मचारियों के अथक प्रयास हेतु आभार प्रदर्शन किया गया ।