“मायरा रिसार्ट” संचालकों की मनमानी चरम पर PWD एवं राजस्व विभाग के अनुमति बगैर शासकीय जमीन पर बनाया अवैध सड़क, अधिकारीयों को नही है कोई जानकारी
चमन प्रकाश केयर
रायपुर/मंदिर हसौद | एक कहावत तो आपने अक्सर सुना ही होगा कि “पैसा खुदा तो नहीं लेकिन खुदा से कम नहीं” जी हाँ इस कहावत को चरितार्थ कर दिखया है “मायरा रिसार्ट” के संचालकों ने, जिनके द्वारा पैसे के दम पर जिला कलेक्टर, उमरिया पंचायत, पीडब्ल्यूडी, राजस्व विभाग, बिजली विभाग, एवं वन विभाग के अनुमति बगैर ही शासकीय जमीन पर कब्ज़ा कर अवैध तरीके से करीब 15-20 फीट चौड़ा और एक किलोमीटर लम्बा अवैध मुरुम के सड़क निर्माण कर लिया गया है | इसके साथ ही बिजली विभाग के बिना अनुमति बगैर ही पीडब्ल्यूडी के सड़क से सटा कर निर्माण किये गए अवैध सड़क के किनारे बिजली के पोल और लाईट गई है |
कुंभकर्णी नींद में सोये हुए है जिम्मेदार अधिकारी
मंदिर हसौद क्षेत्र में नेशनल हाईवे 6 से ग्राम पंचायत उमरिया जाने वाले मुख्य मार्ग पर जब अवैध सड़क का निर्माण किया जा रहा था | तब जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के द्वारा इसका विरोध नहीं होना, और अब तक प्रशासनिक अमला द्वारा भी किसी भी प्रकार से कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाना कई सवालों को जन्म देती है | ऐसा नहीं की अवैध मुरुम के सड़क का निर्माण एक दिन में किये होंगे | इसके अलावा रायपुर, महासमुंद, आरंग कई अधिकारी, कलेक्टर, मंत्री, विधायक महीने में कई बार नेशनल हाईवे 6 से होकर गुजरते है, बावजूद इसके इस अवैध सड़क और बिजली के खम्भों पर किसी ने भी कब्ज़ा करने वालों जिम्मेदारों पर कार्यवाही करना तो दूर किसी से भी कोई पूछताछ नहीं की गई है | यही नहीं कुछ सजग मीडियाकर्मियों के द्वारा अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए पटवारी, एसडीएम आरंग, पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता अधिकारी के संज्ञान में लाने और लगातार ख़बर प्रकाशित करने के बाद भी इन जिम्मेदारों के कान में जूं तक नही रेंग रहा है |
मीडियाकर्मियों के सवाल पर पसीना-पसीना हो गए पीडब्ल्यूडी के अधिकारी
मज़े की बात यह भी है कि उमरिया पंचायत जाने वाली मुख्य सड़क पीडब्ल्यूडी विभाग में आता है | जब कुछ महीने पहले मीडियाकर्मियों के द्वारा पीडब्ल्यूडी के अधिकारी के पास अवैध सड़क निर्माण की सूचना दे ही रहे थे, तो सीधे कहने लगे कि मंदिर हसौद थाने में उक्त कार्य करने वाले “मायरा रिसार्ट” के संचालकों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज करवा दिए है | जब हमने पीडब्ल्यूडी के अधिकारी के सामने मंदिर हसौद थाना प्रभारी को फोन कर जानकारी ली तो उनके द्वारा इस सम्बन्ध में कोई एफआईआर तो दूर एक शिकायती कागज तक थाने में नही दी गई है | वहीँ जब थाना प्रभारी द्वारा मिले जवाब के प्रतिउत्तर लेने पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पूछने पर पसीने से तरबतर रुमाल से सिर पोछने लगे और कुछ नहीं बोल पहुँगा कहकर मूकबधिर बन गये | इससे साफ ज़ाहिर है कि विभाग के अधिकारी का अवैध सड़क निर्माण करने वाले रसुकदार लोगों को खुला संरक्षण दिया जा रहा है |
लोक निर्माण विभाग के अधिकारीयों को निजी व्यक्ति द्वारा सड़क बनाने नही है कोई जानकारी
वहीं जब इस पुरे मामले को लेकर पीडब्ल्यूडी के सर्वेयर विभाग के अधिकारीयों से पूछने पर पता चला की सड़क बनाने के ले न सर्वे हुआ और है न ही पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा कोई सड़क का निर्माण किया गया है | इसके अलावा जो पूर्व में बनी हुई सड़क है उसका भी कोई चौड़ीकरण के लिए अभी तक विभागीय स्तर में कोई हलचल है |
इसके बाद हमने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता हेमंत अरोरा से जानकारी लेने कहा कि उमरिया से परसदा पहुँच मार्ग के लिए फाईल चल रही है लेकिन विभागीय बजट नही होने कारण मामला रुका हुआ है | रही बात उमरिया, जरौद, और खुटेरी मार्ग के लिए सड़क निर्माण की तो ऐसा कोई भी न टेंडर हुआ है न ही कोई विभागीय स्तर में चर्चा है |
इन सभी मुद्दों को लेकर पीडब्ल्यूडी के विभाग मुख्य अभियंता अधिकारी ज्ञानेश्वर कश्यप से सवाल करने पर बताया कि इस तरह के कोई व्यक्ति द्वारा बिना विभाग के अनुमति के कैसे सड़क का निर्माण कर सकता है | यदि इस तरह से किया है तो गलत है फिर भी साड़ी जानकारी अधीनस्थ अधिकारीयों से लेकर आपको अवगत बता पाऊंगा | रही बात मंदिर हसौद थाने में एफआईआर की तो इसकी कोई जानकारी मेरे पास नही आई है |
कई मुद्दों को लेकर खुलासा जल्द
आपको बता दें कि हमारे पास बांध की जमीन पर कब्ज़ा, “मायरा रिसार्ट” के द्वारा बांध (तालाब) में छोड़े जा रहे बदबूदार जहरीले पानी, रोजगार के नाम पर खुल्लेआम किया जा रहा है श्रम कानून का उल्लंघन, “मायरा रिसार्ट” में कार्यरत कर्मचारी ग्रामीण महिलाओं का किया जा रहा है शोषण, “मायरा रिसार्ट” के पास कई एक व्यापारी द्वारा कई एकड़ और बांध के जमीन पर अवैध कब्ज़ा, ऐसे कई सबूत हमारे पास सुरक्षित है | इसके अलावा हमारे पास खुफियां कैमरे में ऐसे कई चौकाने वाले तथ्य है जिसे कलेक्टर, राजस्व मंत्री, मुख्यमंत्री, श्रम विभाग, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री और अधिकारीयों सहित आमजनता के पास खुद संचालकों के द्वारा स्वीकार किये गये कारनामों का बहुत ही जल्द उजागर किया जायेगा |