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Sudan: सूडान में सड़कों पर पड़े हैं शव, लोग पैदल ही छोड़ रहे शहर; हजारों भारतीय भी फंसे, जानें भारत का प्लान

सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच पिछले कई दिनों से जारी संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दो बलों की हिंसक झड़प में अब तक 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 3000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस बीच भारत समेत कई देशों ने हिंसाग्रस्त देश से अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, सऊदी अरब की सुरक्षा में पहली बार सूडान से करीब 91 लोग सुरक्षित बाहर आए हैं, जिसमें कुछ भारतीय भी शामिल हैं।

सूडान में अभी क्या हो रहा है?
अक्रीकी देश सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच 15 अप्रैल से हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। राजधानी खार्तूम समेत देश के कई हिस्सों में विस्फोट और गोलाबारी की घटनाएं हो रही हैं। सूडानी राजधानी से हजारों निवासी अपनी जान बचाकर भाग गए हैं। यहां प्रत्यक्षदर्शियों ने सड़कों पर पड़े शवों के भयानक दृश्य देखे। 33 वर्षीय अलाव्या अल-तैयब ने शहर से बाहर निकलते हुए बताया, ‘खार्तूम में जीवन असंभव है अगर यह युद्ध नहीं रुकता। उन्होंने कहा, ‘मैंने कोशिश की कि बच्चे सड़कों पर लाशें न देखें।’ विदेशी राजनयिकों पर हमला किया गया है और संयुक्त राष्ट्र के सहायता कर्मियों के खिलाफ यौन हिंसा की खबरें हैं। हजारों लोग कार या पैदल खार्तूम से निकलने लगे हैं। लोगों ने कहा कि हवा सड़कों पर कूड़ा करकट लाशों की बदबू से भर गई थी

अर्धसैनिक बलों और सेना ने एक-दूसरे के ठिकानों पर हमला करने के आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस लड़ाई में 400 से अधिक लोग मारे गए, 3,000 घायल हुए और कई विस्थापित हुए। लड़ाइयों ने आवासीय और व्यावसायिक इमारतों को नुकसान पहुंचाया है। अपने घरों में रुके नागरिक, खाद्य आपूर्ति में कमी, बिजली कटौती और पानी की कमी के कारण परेशान हो रहे हैं।

राष्ट्रों ने शुरू किया निकासी अभियान  
पूरे सूडान में इंटरनेट बैन होने की जानकारी भी सामने आई है। रविवार को ब्रिटेन के सशस्त्र बलों ने देश से ब्रिटिश राजनयिकों और उनके परिवारों को निकाला। सफल ऑपरेशन की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि दोनों पक्ष अपने हथियार डाल दें और तत्काल मानवीय युद्धविराम लागू करें।

इससे पहले रैपिड सपोर्ट फोर्सेज ने अमेरिकी सैनिकों के साथ मिलकर वाशिंगटन के दूतावास को खाली कराया। शनिवार को भी सूडानी सेना ने चीन और फ्रांस के राजनयिकों को देश से बाहर सैन्य हवाई जहाज से निकालने में मदद की। इसी दिन सऊदी विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत, कुवैत, पाकिस्तान, कतर, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, ट्यूनीशिया, बांग्लादेश, बुल्गारिया, कनाडा, फिलीपींस और बुर्किना फासो के नागरिकों के साथ-साथ अपने 91 नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

Manish Tiwari

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